Saturday, October 9, 2010

'आतिशबाजी
ढोली तारो ढोल बाजे' गाने की धुन पर आसमान और जमीन दोनों आतिशबाजी से जगमगा उठा। ग्राउंड पर भी रिक्शे पर आतिशबाजी ने सबको झूमने को मजबूर कर दिया।
एरोस्टेट का जलवा
एरोस्टेट पूरा पैसा वसूल साबित हुआ। उस पर से नजरें हटाना मुश्किल लग रहा था। कल्चरल प्रोग्राम के दौरान लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि एक साथ क्या क्या देखें। वीवीआईपी की नजरें भी एरोस्टेट पर टिकी रहीं।
  बलून के कमाल, तबले पर उस्ताद, कठपुतलियां, आतिशबाजी, योग और भारतीय कल्चर की झलक ने गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी में रंग जमा दिया।